सीएम धामी ने भानियावाला ने कार्यकर्ताओं को बताए अपने संकल्प
Dehradun. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि प्रदेश में भाजपा की दोबारा सरकार बनते ही ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’ यानि समान नागरिक संहिता लागू की जाएगी।
ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन जाएगा। धामी ने भानियावाला के दून जायका होटल में कार्यकर्ताओं के साथ बैठक में कहा कि भाजपा दुनिया का सबसे बड़ा संगठन है। जहां के कार्यकर्ता बाराह महीने पार्टी के लिए जी जान से जुटे रहते हैं। इसलिए सबसे अधिक टिकट मांगने वाले भी भाजपा में ही होते हैं। लेकिन टिकट किसी एक को मिलता है।
और फिर सभी कार्यकर्ता उसकी जीत के लिए जुट जाते हैं। लेकिन सभी कार्यकर्ताओं को किसी न किसी रूप में पार्टी के लिए कार्य करने का मौका जरूर मिलता है। डोईवाला के कार्यकर्ताओं ने काफी मेहनत की है। जिस कारण यहां और बाकि सभी प्रदेश की विस सीटों का फीडबैक बहुत अच्छा आ रहा है। कहा कि आंगनबाड़ी, ग्राम प्रधान, शिक्षा मित्र, पीआरडी जवान, आशाओं, भोजन माताओं का मानदेय और वृद्धा पेंशन बढा दी गई है। 24 हजार रिक्त पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है।
लेकिन अब उनका संकल्प है कि भाजपा के दोबारा सत्ता में आते ही यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू किया जाएगा। नई स्वास्थ नीति के तहत 207 जांचों को मुफ्त किया जाएगा। गर्भवती महिला को 40 हजार रूपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। वृद्धा पेंशन को बढाकर 3600 किया जाएगा। और सफाई कर्मचारियों का दो लाख रूपए तक का ऋण माफ किया जाएगा।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री के ओएसडी धीरेंद्र सिंह पवार, मंडल अध्यक्ष विनय कंडवाल, जिला मीडिया प्रभारी संपूर्ण सिंह रावत, उधम सिंह सोलंकी, संदीप नेगी, संजीव सैनी, आशा सेमवाल, ईश्वर रौथान, अमित कुमार, राजेश भट्ट, मनीष यादव, सुशील जायसवाल, मोहन सिंह चौहान, सोंनु गोयल, परिपूर्णानंद मिश्रा, सम्पूर्णानंद ध्यानी, प्रकाश कोठारी, सुखदेव चौहान, प्रदीप नेगी, सुरेश सैनी, नितिन बर्थवाल, चंदन जायसवाल, स्वीटी पंवार आदि उपस्थित रहे।
पहली बार डोईवाला के कार्यकर्ताओं से रूबरू हुए सीएम धामी
Dehradun. डोईवाला के कार्यकर्ताओं ने अभी तक अपने बीच पूर्व केंद्रीय मंत्री व हरिद्वार सांसद रमेश पोखरियाल निशंक और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को ही अपने बीच देखा है। यह पहला मौका था जब सीएम धामी भानियावाला आकर अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिल रहे थे। उन्होंने बारी-बारी से सभी कार्यकर्ताओं से उनका परिचय पूछा। और फिर अपनी बात कही।
क्या है ‘यूनिफॉर्म सिविल कोड’
समान नारिकता संहिता का मतलब है भारत में रहने वाले सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून, चाहे वह किसी भी मजहब या जाति का हो। समान नागरिक संहिता लागू होने से हर मजहब के लिए एक जैसा कानून आ जाएगा। मौजूदा वक्त में देश में हर धर्म के लोग शादी, तलाक, जायदाद का बंटवारा और बच्चों को गोद लेने जैसे मामलों का निपटारा अपने पर्सनल लॉ के हिसाब से करते हैं।
मुस्लिम, ईसाई और पारसी का पर्सनल लॉ है, जबकि हिंदू सिविल लॉ के तहत हिंदू, सिख, जैन और बौध आते हैं। संविधान में समान नागरिक संहिता को लागू करना अनुच्छेद 44 के तहत राज्य की जिम्मेदारी बताया गया है, लेकिन ये आज तक देश में लागू नहीं हो पाया है।