Dehradun. भानियावाला निवासी 106 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी साधु सिंह बिष्ट की अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा।
उनके कांडरवाला, भानियावाला निवास पर श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी। देशभक्ति नारों से आसमान गुंजायमान हो गया। पूरे राजकीय सम्मान के साथ उन्हें अंतिम संस्कार के लिए भानियावाला से हरिद्वार ले जाया गया। पुलिस-प्रशासन और जनप्रतिनिधियों
ने भी स्वतंत्रता सेनानी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, डोईवाला विधायक बृज भूषण गैरोला, एसडीएम युक्ता मिश्र ने भी श्रद्धांजलि दी। जिसके बाद उनके पार्थिव शरीर को भानियावाला तिराहे तक पैदल कंधों पर ले जाया गया। और तिराहे से अंतिम संस्कार के
लिए हरिद्वार ले जाया गया। वो मूल रूप से देवप्रयाग, टिहरी के थे। उल्लेखनीय है कि साधु सिंह बिष्ट को तबीयत बिगड़ने पर रविवार को जौलीग्रांट अस्पताल ले जाया गया था। जहां डॉक्टरों ने उन्हे मृत घोषित कर दिया था।
बैंड-बाजों के साथ स्वतंत्रता सेनानी साधु सिंह बिष्ट की अंतिम यात्रा निकाली गई। इस दौरान अंतिम संस्कार में शामिल सभी लोगों की आंखें नम थी। वहीं इस बात का गर्व भी था। कि वो एक ऐसे स्वतंत्रता सेनानी की अंतिम यात्रा में शामिल हो रहे हैं। जिसने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के
साथ दुश्मन से लोहा लेते हुए कई गोलियां खाई। और देश को आजाद करवाया। पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और स्थानीय विधायक बृजभूषण गैरोला ने कहा कि स्वतंत्रता सेनानी साधु सिंह बिष्ट के जाने से उन्हे गहरा दुख हुआ है। उनके बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा।
मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, भाजपा नेता सम्पूर्ण सिंह रावत, विनय कंडवाल, प्रदीप नेगी, मनवर नेगी, पंकज रावत, नरेंद्र नेगी, उधम सिंह सोलंकी, दिनेश सजवाण, आशा सेमवाल,
एसडीएम डोईवाला युक्ता मिश्रा, तहसीलदार शादाब, हनुमान चालीसा संगठन के उपाध्यक्ष आनंद सिंह पवार, नरेंद्र नेगी, मनोज नौटियाल आदि उपस्थित रहे।
पार्थिव शरीर ले जाने को नहीं दी गई एंबुलेंस
डोईवाला। स्वतंत्रता सेनानी साधु सिंह बिष्ट के छोटे बेटे सुरेंद्र सिंह ने कहा कि उनके पिता ने देश के खातिर इतना बड़ा बलिदान दिया है। लेकिन उनके पार्थिव शरीर को अंतिम संस्कार के लिए ले
जाने को एक एंबुलेंस भी मुहैया नहीं करवाई गई। अन्य शवों की तरह स्वतंत्रता सेनानी के शव को भी बस में रखकर हरिद्वार ले जाना पड़ा। उन्होंने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है।