रानीपोखरी में शवों को दफनाए जाने को लेकर लोगों ने काटा हंगामा
कोरोना से हुई दो लोगों की मौत, शवों को दफनाए जाने को लेकर हंगामा
डोईवाला। एम्स ऋषिकेश में बृहस्पतिवार को कोरोना से हुई दो लोगों की मौत के बाद शवों को दफनाए जाने को लेकर पुलिस-प्रशासन की टीम रानीपोखरी पहुंची। जहां लोगों ने शवों को दफनाए जाने का भारी विरोध किया।
एम्स ऋषिकेश में बृहस्पतिवार को एक समुदाय के कोरोना पॉजीटिव दो लोगों की मौत हो गई थी। पुलिस व प्रशासन की टीम जब शवों को दफनाए जाने को लेकर रानीपोखरी पहुंची। तो जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने जबरदस्त विरोध कर दिया। लोगों का कहना था कि रानीपोखरी में जो कब्रिस्तान है। उसके आसपास आबादी क्षेत्र है।
लोग पहले ही कोरोना से काफी डरे हुए हैं। ऐसे में यदि रानीपोखरी में शवों को दफनाया जाएगा तो लोगों में और डर पैदा हो जाएगा। जिस कारण दोनों समुदाय के लोगों ने पुलिस व प्रशासन का विरोध करते हुए कहा कि रानीपोखरी में इन शवों को नहीं दफनाने दिया जाएगा।
जनप्रतिनिधियों की पुलिस व प्रशासन से काफी नोक-झोक हुई। जिसके बाद बातचीत के माध्यम से मामला सुलझा लिया गया। और बातचीत के बाद तय किया गया कि रानीपोखरी में दोनों शवों को नहीं दफनाया जाएगा। ग्राम प्रधान सुधीर रतूडी ने कहा कि कोरोना को लेकर लोगों में काफी खौफ है। जिस कारण लोगों ने रानीपोखरी में शवों को दफनाने का विरोध किया है।
शासन व प्रशासन के पास काफी विकल्प हैं। इसलिए इसके लिए कहीं और व्यवस्था करनी चाहिए। पूर्व प्रधान पुष्पराज बहुगुणा ने कहा कि कोरोना पॅजीटिव जिन लोगों की मौत हुई है। वो मुजफ्फनगर के हैं। इसलिए दूसरे क्षेत्र के लोगों के शवों को रानीपोखरी में नहीं दफनाने दिया जाएगा। मौके पर एसडीएम प्रेमलाल, सीओ वीरेंद्र रावत आदि मौजूद रहे।
रानीपोखरी में शवों को दफनाए जाने का लोगों ने विरोध किया। जिस कारण दोनों शवों को कहीं और दफनाए जाने की व्यवस्था की जा रही है। दीपक धारीवाल, थानाध्यक्ष रानीपोखरी।