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एयरपोर्ट विस्तार में 10 हजार पेड़ कटने से होगा वन्य जीव और पर्यावरण प्रभावित

राजीव गांधी पंचायत संगठन करेगा पेड़ों के कटान का विरोध

Dehradun. जौलीग्रांट एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए थानों वन रेज के दस हज़ार पेडों को काटने की तैयारी की जा रही है। जिसका राजीव गांधी पंचायत राज संगठन विरोध करेगा।

संगठन के प्रदेश संयोजक और पर्यावरण प्रेमी मोहित उनियाल ने कहा कि विकास के नाम पर विनाश की तैयारियां की जा रही हैं। क्षेत्र में सड़कों और दूसरे विकास कार्यो के कारण पहले ही हजारों पेड़ो की बलि ले ली गई है। जिससे क्षेत्र में अब बारिश काफी कम हो गई है। क्षेत्र की तीनों प्रमुख नदियां सौंग, जाखन और सुसवा में बरसात में भी नाममात्र का पानी आता है।

एयरपोर्ट के जिस जंगल को काटने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। वो हाथी कॉरिडोर क्षेत्र हैं। राजाजी पार्क से होता हुआ हाथी बडकोट वन रेंज से एयरपोर्ट के पास ही से थानों के इस जंगल में दाखिल होता है। इस जंगल में गुलदार, हिरण, मोर, नील गाय और कई दुर्लभ वन्य जीवों का वास है।

कहा कि एयरपोर्ट विस्तारीकरण के लिए 2006 में भी जंगल के एक बड़े हिस्से को काटा गया था। जिस कारण वन्य जीव अब सड़कों पर आ गए हैं। कई बार तो वन्य जीवों को एयरपोर्ट के रनवे पर भी देखा गया है। वन विभाग द्वारा शिवालिक एलीफेंट रिज़र्व के 215 एकड़ वन भूमि के हस्तांतरण का प्रस्ताव तैयार किया है।

प्रस्ताव के मुताबिक इसमें कुल 9745 पेड़ कटेंगे। जिसमे खैर, शीशम, सागौन, गुलमोहर व कई अन्य प्रजाति के पेड़ काटने का प्रस्ताव भेजा गया है। दस हजार पेड़ों के कटान से वन्य जीव व पर्यावरण पर बहुत बुरा असर पड़ेगा। जिसका संगठन पुरजोर विरोध करेगा।

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