किसानों से जमीनें लेकर एयरपोर्ट ने बंद किए लोगों के रास्ते


कोठारी मोहल्ला और बागी के लोगों को दिया गया है संकरा मार्ग

डोईवाला। एयरपोर्ट प्रशासन ने जौलीग्रांट और बागी वासियों के रास्तों को काफी समय पहले से बंद कर दिया है।
जिससे जौलीग्रांट कोठारी मोहल्ला, बागी और बिचली जौलीग्रांट के हजारों लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पुराना हिमालयन गेट (चोर पुलिया) के पास से जो मार्ग लोगों को दिया गया है। वो इतना संकरा है कि उसमें एक चौपहिया वाहन और एक दोपहिया वाहन भी मुश्लिक मुश्किल से निकल पाते हैं। वर्ष 2007 में एयरपोर्ट का विस्तारीकरण किया गया था। जिसके बाद रनवे, टर्मिनल आदि को बढ़ाया गया। एयरपोर्ट पर नाइट लैंडिंग सिस्टम से लेकर फायर ब्रिगेड, मौसम विभाग और दूसरे विभागों की स्थापना कर एयरपोर्ट को अत्याधुनिक बनाया गया।
लेकिन विस्तारीकरण के बाद सैकड़ों लोगों के रास्ते बंद कर दिए गए। उस समय धरने-प्रदर्शन और आमरण-अनशन के बाद हिमालयन अस्पताल प्रशासन ने ग्रामीणों के लिए अपनी जमीन देकर रास्ता मुहैया करवाया। लेकिन एयरपोर्ट ने किसानों और लोगों से जमीनें लेकर उनके रास्तों को बंद कर दिया। और आज तक इस समस्या पर ध्यान नहीं दिया।
आबाजी बढ़ने के साथ ये समस्या भी बढ़ती जा रही है। कोठारी मोहल्ले, बागी गांव आदि में यदि फायर ब्रिगेड या एंबुलेंस को जाना पड़े तो संकरा मार्ग होने की वजह से यहां फायर ब्रिगेड या एंबुलेंस नहीं जा सकते हैं। पूरे गांव की परिक्रमा करके ही यहां फायर ब्रिगेड या एंबुलेंस पहुंच सकती है। फिलहाल कोठारी मोहल्ला, बिचली जौलीग्रांट और बागी के लोग एयरपोर्ट टर्मिनल जाने वाले मार्ग का ही इस्तेमाल रानीपोखरी या ऋषिकेश जाने के लिए कर रहे हैं। लेकिन एयरपोर्ट मार्ग की बाउंड्री आदि होने के बाद ये रास्ता भी लोगों के लिए बंद कर दिया जाएगा।

इसलिए लोगों की मांग है कि एसडीआरएफ मुख्यालय के पास स्थित खाली पड़ी वन भूमि से मार्ग की व्यवस्था की जाए। इस संबध में लोग मुख्यमंत्री के ओएसडी धीरेंद्र पंवार से भी कई समस्या बात चुके हैं। लेकिन अब तक समस्या का समाधान नहीं निकला। स्थानीय निवासी रोशनलाल कोठियाल ने कहा कि विकास के नाम पर हजारों लोगों के रास्ते बंद कर दिए गए हैं। जिससे लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
एयरपोर्ट का क्षेत्र पर हुआ उलटा असर
डोईवाला। किसी भी बड़े संस्थान के क्षेत्र में खुलने से उस क्षेत्र के विकास पर इसका सकारात्मक असर पड़ता है। लेकिन जौलीग्रांट एयरपोर्ट का आसपास के क्षेत्र पर उलटा असर हुआ है। एयरपोर्ट के आसपास कोई भी जमीनें लेने या कोई भी संस्थान खोलने को तैयार नहीं है। लोगों को डर है कि इंटरनेशनल एयरपोर्ट बनाए जाने के कारण कहीं उन्हे उठा न दिया जाए। वहीं एयरपोर्ट पर जो सैकड़ों स्थानीय युवक कार चलाकर अपना परिवार पाल रहे हैं उन्हे ओला ट्रैक्सी कंपनी के कारण एयरपोर्ट प्रशासन हटाना चाहता है।
इन्होंने कहा
कोठारी मोहल्ले, बागी और जौलीग्रांट के लोगों के रास्ते बंद नहीं होने दिए जाएंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री के ओएसडी के स्तर से प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही समस्या का समाधान किया जाएगा। राजेश भट्ट, सभासद।


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