Dehradun. रविवार को एयरपोर्ट विस्तारीकरण की जद में आने वाले लोगों ने जोगियाणा के भैरव मंदिर परिसर में एक बैठक का आयोजन किया।
जिसमें लोगों ने कहा कि यदि सरकार द्वारा विस्थापित परिवारों को पुनःविस्थापित किया जाता है तो पीड़ित परिवारों के लिए विस्थापित नीति के बनाई जाए। 2007 में एयरपोर्ट विस्तारीकरण में जो मनमानी की गई थी उसे अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
उस समय विस्तारीकरण में क्षेत्रवासियों के हितों का कोई ध्यान नहीं रखा गया। जिस कारण वर्तमान में चार गांवों की हजारों की आबादी के लिए एक भी रास्ता नहीं है।
जिस प्रकार पूर्व में विस्थापित परिवारों को ऋषिकेश में पांच बीघा भूमि, आवास हेतु 400 वर्ग मीटर भूमि और मकान का उचित मुआवजा दिया गया था। उसी तरह एयरपोर्ट विस्तारीकरण से पीड़ित परिवारों को जमीन और उचित मुआवजा दिया जाए।
सभासद राजेश भट्ट ने कहा कि जिस प्रकार से प्रशासन द्वारा आधे गांव की नाप की गई हैं उसे पूरा लिया जाय। क्योंकि सारे लोग एक ही गांव परिवार के सदस्य हैं। इसलिए पूरे गांव को उठाकर उचित स्थान पर बसाया जाए। गांव को उजाड़ा न जाए।
कहा कि पीड़ित परिवारों के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाए। और एयरपोर्ट पर स्थानीय को ही रोजगार दिया जाए। दिनेश सजवाण ने कहा कि बागी, जौलीग्रांट, कोठारी मोहल्ला के लिए कम से कम 40 फिट का रास्ता आवागमन के लिए दिया जाए।
जिससे स्थानीय लोगो को आने जाने में परेशानियों का सामना न करना पड़े। कहा कि यदि बिना विस्थान नीति के अठुरवाला और जौलीग्रांट के लोगों को छेड़ा गया तो इसके लिए आंदोलन किया जाएगा।
कहा कि जब 2007 में एयरपोर्ट का विस्तारीकरण किया गया था तो तभी एक बार में लोगों से जमीनें ले लेनी चाहिए थी। बार-बार गांव उजाड़ने से लोगों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है।
बैठक में खेम सिंह, ध्यान सिंह सजवान, सुमित सजवान, बादल सजवान, मंजीत सजवान, दर्बियांन सजवान, कमल सजवान, मकान सिंह, बलबीर सिंह सजवान, राम सिंह सजवान, लक्ष्मी सजवान, मीनू सजवान, आशा सजवान, उर्मिला सजवान, ममता सजवान आदि उपस्थित रहे।