डोईवाला। लंपी बिमारी से गायों से मरने का सिलसिला लगातार जारी है। रविवार को अठुरवाला के खांड में लंपी बिमारी से एक और गाय की मौत हो गई।
लंपी बिमारी गायों पर कहर बनकर टुट रही है। जिससे अब तक सैकड़ों गायों की मौत हो चुकी है। इसमें वो गाय भी शामिल हैं। जो प्रतिदिन काफी दूध पशुपालकों को देती थी। और उससे उनके परिवार का गुजर-बसर चलता था। गायों के मरने से कई लोगों की आर्थिकी का जरिया खत्म हो चुका है।
पशुपालन विभाग मूक दर्शक बना हुआ है। जिससे पशुपालकों को कोई मदद नहीं मिल पा रही है। गाय पर राजनीति करने वाले लोग भी संकट की इस घड़ी में गौमाता और पशुपालकों के साथ खड़े नहीं हैं।
चारो तरफ लंबी बिमारी ने जानवरों में महामारी का रूप लिया हुआ है। रविवार को अठुरवाला के खांड में लीलावती खंडूरी की गाय की लंबी बिमारी से मौत हो गई।
सभासद राजेश भट्ट ने कहा कि लंपी बिमारी से फैली महामारी के समय कोई भी विभाग पशुपालकों के साथ खड़ा नहीं है। किसी भी गांव में कोई भी सरकारी कर्मचारी या अधिकारी गौमाता के ईलाज या परामर्श को दिखाई नहीं दे रहा है।
लंपी बिमारी से हुई गायों की मौत से पशुपालकों को अब तक करोड़ों का नुकसान हो चुका है। लेकिन शासन-प्रशासन और पशुपालन विभाग चिर निद्रा में सोया हुआ है।
उसे सैकड़ों गौमाता की मौत से कोई मतलब नहीं है। संकट की इस घड़ी में किसी किसी ने भी जनता और पशुपालकों से कोई अपील तक नहीं की है। पशुपालक अपनी मर्जी से गोवंश को दवाईयां दे रहे हैं।