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लच्छीवाला और बड़कोट वन रेंज में खैर के पेड़ काटने का मामला: गैंडीखाता में जमीन मिली फिर भी वापस जंगलों के पास आ गए वन गुर्जर

Dehradun. बड़कोट और लच्छीवाला वन रेंज से खैर के दर्जनों पेड़ काटे जाने मामले में आरोपियेां की धर-पकड़ को गई तीन टीमों के हाथ फिलहाल खाली हैं।

बड़कोट और लच्छीवाला वन रेंज में बीते शुक्रवार को दर्जनों खैर के पेड़ काट जाने का मामला सामने आया था। जिसका खुलासा किया था। अब इस मामले में एक नई कहानी सामने आई है।

सुत्रों का कहना है कि डोईवाला क्षेत्र से जिन वन गुर्जरों को गैंडीखाता में सरकार ने जमीनें दी थी। उनके से कई वन गुर्जरों ने गैंडीखाता में अपने परिवार के कुछ लोगों को वहां बसा दिया है। और वो खुद डोईवाला में जंगलों के आसपास आकर बस गए हैं।

यदि ये बात सच है तो वन विभाग और खैर के अवैध कटान मामलों की जांच कर रही दूसरी टीमों को इस बात की भी जांच करनी चाहिए कि जब इन वन गुर्जरों को गैंडीखाता में जमीनें दे दी गई थी। तो वो फिर यहां जंगलों के पास आकर प्राईवेट जमीनों को किराए पर लेकर क्यों बसे हैं।

कहीं ऐसा तो नहीं है कि जंगलों से अवैध पेड़ों के कटान मामले में इनकी भी कोई भूमिका हो। इस मामले में वन विभाग ने जिन तीन नामों की नामजद रिपोर्ट की है। और टीमें उन्हे पकड़ने को रवाना की गई हैं।

उसके अलावा भी तीन-चार और नाम सामने आ रहे हैं। ये वो नाम हैं। जो वन विभाग के पास नहीं हैं। इसका मतलब साफ है कि खैर के पेड़ों की तश्करी मामले में एक बड़ा नेटवर्क काम कर रहा है।

जिनसे कुछ स्थानीय लोगों के भी मिले होने की संभावनाएं हो सकती हैं। इसलिए इस मामले में जांच टीमों को अपनी जांच का दायरा बढाना चाहिए। और यदि इस मामले में कोई स्थानीय भी शामिल है तो उस पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए।

जंगल में मिली डायरी खोल सकती है राज

डोईवाला। सुत्रों का कहना है कि वन अधिकारियों को लच्छीवाला वन रेंज में जिस स्थान से पेड़ काटे गए हैं। वहां एक डायरी मिली है। जिससे कई राज खुल सकते हैं। और इस डायरी के बारे में किसी को नहीं बताया गया है।

इस बारे में लच्छीवाला रेंजर घनानंद उनियाल ने कहा कि वहां एक डायरी मिली थी। जो उनके पास पहुंच गई है। लेकिन उसमें वन गुर्जरों के दूध का हिसाब किताब है।

अब सवाल ये है कि जहां खैर के पेड़ कटे हैं। वहां जंगल में वो दूध के हिसाब किताब वाली डायरी क्या कर रही थी। कहीं ऐसा तो नहीं है कि उस डायरी से भी छेड़छाड़ की गई है। कई ऐसी चीजें हैं जिन पर जांच कर तश्करों और तश्करों के साथ मिले हुए लोगों को पकड़ा जा सकता है।

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