

डॉ अम्बेडकर शोषितो के मसीहा ही नही एक प्रखर राष्ट्रवादी भी

बाबासाहेब के योगदान का स्मरण करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक के सरसंघचालक गुरु जी ने 1973 में भीमराव साहित्य संघ मुंबई के अध्यक्ष के नाम पत्र में लिखा था। वंदनीय डॉक्टर अंबेडकर की पवित्र स्मृति में नमन करना मेरा स्वभाविक कर्तव्य है भारत के संदेश की घटना द्वारा उन्होंने सारी दुनिया में खलबली मचाते हुए कहा कि दीन, दुर्बल, दरिद्र, अज्ञानता से डूबे भारतवासी ही मेरे लिए ईश्वर स्वरूप हैं, उन्होंने राष्ट्र के ऊपर असीम उपकार किया है।
डॉक्टर अंबेडकर एक नेता, वकील, दलित शोषित समाज के मसीहा और देश के बहुत बड़े नेता थे उन्होंने समाज की बेड़ियों को तोड़कर एक नए आधुनिक भारत का सपना देखा उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन भारतीय समाज में सर्व व्याप्त जाति व्यवस्था के विरुद्ध संघर्ष में बिताया भारतीय समाज में विषमता मुल्क तत्वों का समूल विनाश करने के लिए उनके क्रांतिकारी विचार आज भी जीवित हैं।
डॉक्टर अंबेडकर ने धर्म को सर्व धर्म समभाव के रूप में देखा और माना। हिंदू समाज में व्याप्त कुरीतियों और छुआछूत का प्रबल विरोध करने के साथ साथ ही उन्होंने मुस्लिम समाज में व्याप्त दमनकारी महिला बुर्का प्रथा की भी निंदा की, इतना ही नहीं वे एक प्रबल राष्ट्रवादी थे। 1945 में उनकी प्रकाशित पुस्तक थॉट्स ऑन पाकिस्तान में स्पष्ट हो जाता है उन्होंने मुस्लिम साम्प्रदयिकता पर अत्यंत करारी चोट कि वह भारतवर्ष का अखंड देखना चाहते थे इसलिए वह भारत के टुकड़े टुकड़े करने के वालों की नीतियों के जबरदस्त आलोचक रहे और पाकिस्तान बनाने के सख्त विरोधी थे।
आज डॉक्टर अंबेडकर के विचारों को मजहबी कट्टरता से जोड़कर जय भीम का नारा देने वालों को डॉक्टर अंबेडकर के मूल विचारों पढ़ने की सख्त आवश्यकता है । डॉक्टर अंबेडकर धारा 370 के भी प्रबल विरोधी थे जब नेहरू ने उन्हें धारा 370 का ड्राफ्ट बनाने के लिए कहा तो उन्होंने साफ इनकार कर दिया तब डॉक्टर अंबेडकर ने धारा 370 के विषय मे कहा था आप सारी सुविधाएं भारत से लेंगे और चाहेंगे कि आपका विशेष संविधान भी हो जो अन्य भारतीय राज्यों से अलग हो तो यह भारतीय नागरिकों के साथ भेदभाव होगा तत्कालीन कश्मीरी लीडर शेख अब्दुल्ला ने भी जब डॉक्टर अंबेडकर से इस संबंध में मुलाकात की तो डॉक्टर अंबेडकर ने कहा आप चाहते हैं कि भारत आपकी सीमाओं की रक्षा करें, आप की सड़के बनवाएं, आपको खाना, अनाज पहुंचाएं फिर तो उसे वही स्टेटस मिलना चाहिए जो देश के दूसरे राज्यों का है।
इसके उलट आप चाहते हैं कि भारत सरकार के पास आपके राज्य में सीमित अधिकार रहें और भारतीय लोगों में कश्मीर का कोई अधिकार नहीं। अगर आप इस प्रस्ताव पर मेरी मंजूरी चाहते हैं तो मैं कहूंगा कि यह भारत के हितों के खिलाफ है और एक भारतीय कानून मंत्री के हिसाब से मैं ऐसा कभी नहीं करूंगा।
तब नेहरू के कहने पर यह ड्राफ्ट अयंगर ने बनाया था। डॉ0श्यामा प्रसाद मुखर्जी, डॉक्टर अंबेडकर सहित करोड़ों भारतीयों की भावनाओं का सम्मान करते हुए मोदी सरकार ने 5 अगस्त 2019 में राज्यसभा में एक ऐतिहासिक जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 प्रस्तुत किया जिसमें जम्मू कश्मीर राज्य के संविधान का अनुच्छेद 370 हटाने और राज्य का विभाजन जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख के 2 केंद्र शासित क्षेत्रों के रूप में करने का प्रस्ताव किया।
सामाजिक न्याय के लिए अपना जीवन समर्पित कर देने वाले भारत रत्न पूज्य बाबा साहेब को उनके जन्मदिवस पर कोटि कोटि नमन उन्होंने संविधान के रूप में देश को अद्वितीय सौगात दी है जो हमारे लोकतंत्र का आधार स्तंभ है कृतज्ञ राष्ट्र सदैव उनका ऋणी रहेगा।
संपूर्ण सिंह रावत, भाजपा जिला मीडिया प्रभारी देहरादून।


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