गौचर / चमोली। समाजसेवी एवं शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के लिऐ जाने वाले यस. इंस्टीट्यूट
गौचर के निदेशक महावीर सिंह ने का कहना है कि पहाड़ में बेहतरीन किस्म के अंग्रेजी माध्यम
के शिक्षण संस्थान हो तो पहाड़ से हो रहे पलायन पर काफी हद तक रोक लग सकती है।
क्योंकि अधिकतर लोगों ने अपने पाल्यो को इंग्लिश माध्यम की शिक्षा मुहैया कराने के लिऐ ही पहाड़ से पलायन किया है।
पहाड़ से हो रहे पलायन पर औपचारिक मुलाकात के दौरान चर्चा करते हुये यस.
इंस्टीट्यूट गौचर के निदेशक महावीर सिंह नेगी ने कहा कि आज जो कुछ भी पलायन रूका
हुआ है वह ज्यादातर ऐसे स्कूलों व कोचिंग सेंटरों की वजह से ही है। कहा कि जहां
सरकारी स्कूलों में आये दिन छात्र संख्या में कमी महसूस की गई है वहीं इंग्लिश माध्यम
वाले स्कूलों व कोचिंग सेंटरों में अपने पाल्यों को प्रवेश दिलाने में भीड़ देखी गई है।
उन्होंने कहा कि मैं पहाड़ के सभी गैर सरकारी विद्यालयों का धन्यवाद करना चाहता हूं,
जिन्होंने यहां पर ऐसे विद्यालय एवं कोचिंग सेंटर संचालित कर रखें हैं। अगर ऐसी व्यवस्था
सरकारों द्वारा पहले से यहां की होती तो बड़े पैमाने पर पहाड़ से पलायन नहीं होता।
उन्होंने कहा कि विधालय शैक्षिक स्तर की गुणवत्ता पर ध्यान दे तो पहाड़ के लोग अपने बच्चों को पढ़ाने के चक्कर में बाहर नहीं जायेंगे।
गौचर पनाई निवासी महावीर सिंह नेगी ने दिल्ली से एमबीए करने के बाद नौकरी का
इरादा त्याग कर घर का रूख किया और अपने ही क्षेत्र में विद्यार्थियों में आत्म विश्वास और
वार्तालाप में कमी के कारण हिचकिचाहट को दूर करने के उद्देश्य से इंस्टीट्यूट को खोला
गया। व्यापार संघ अध्यक्ष राकेश लिंगवाल, कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मुकेश नेगी आदि ने
उनके इंस्टीट्यूट के तारीफ करते हुये कहा कि यस. इंस्टीट्यूट ने अपने कम समय में अच्छी उपलब्धियां हासिल की है।
ललिता प्रसाद लखेड़ा
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