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दूध, दही, घी, गोबर और गोमूत्र में होते हैं 33 प्रकार के रसायन जो 56 घातक बीमारियों को दूर भगाने में करते हैं मदद: गोरक्षा विभाग

गोरक्षा विभाग विश्व हिंदू परिषद में मनीष सजवाण को जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी

देहरादून। जौलीग्रांट में गोरक्षा विभाग विश्व हिन्दू परिषद् की विभाग बैठक आयोजित की गई।

जिसमें राष्ट्रीय उपाध्यक्ष गोरक्षा विभाग डॉ जयप्रकाश गर्ग ने कहा कि गाय की महत्ता समझनी होगी। और खेती में गोवंश का उपयोग करना होगा। राष्ट्रपति के भतीजे पंकज कोविंद ने कहा कि प्रदेश में गोवंश के लिए चतुर्थ राज्य वित्तआयोग में गोशरणालय के लिए 10 करोड़ का बजट निर्धारित किया गया है। जिससे जल्द ही निराश्रित गोवंश की समस्या का समाधान होगा।

प्रदेश अध्यक्ष उत्तराखंड गोरक्षा प्रमुख देवेन्द्र पाल ने कहा कि ग्रामीण स्तर पर प्रशिक्षण शिविर लगाए जायेंगे और सभी प्रखंडो की टोली तैयार करेंगे। जिलाध्यक्ष मनीष सजवाण, प्रान्त मंत्री उत्तराखंड भारतीय गोवंश रक्षण संवर्धन परिषद् वेदप्रकाश महावर ने कहा कि गाय हिन्दूओं श्रद्धा का विषय है, और गाय में 33 कोटि देवता वास करते हैं, इसका वैज्ञानिक आधार यह है कि गाय के दूध, दही, घी, गोबर, गोमूत्र में 33 प्रकार केमिकल होते है जो, मनुष्य की 56 घातक बीमारियों को नष्ट करने में सक्षम हैं।

प्रदेश संयोजक ओम उपाध्याय ने सभी कार्यकर्ताओं को गोरक्षा विभाग की मासिक पत्रिका गोसम्पदा लेने का अनुरोध किया, प्रान्त गोरक्षा प्रमुख एंव प्रान्त अध्यक्ष देवेन्द्र पाल ने कुछ नवीन दायित्व की घोषणा की जिसमें विभाग सह संयोजक हरिद्वार विभाग राष्ट्रीय गोरक्षा आंदोलन समिति करण कन्नौजिया, जिलाध्यक्ष मनीष सजवाण, जिला संरक्षक संजय वर्मा, प्रखंड मंत्री शुभम भण्डारी, नगर अध्यक्ष हिम सिंह नेगी, नगर सह संयोजक आशीष उपाध्याय,आदि कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी दी गई। मौके पर प्रान्त सह संयोजक आदित्य अग्रवाल, सुबोध नौटियाल, नितिन राणा, पंकज बिष्ट, दिनेश सजवाण, जोध सिंह बंगारी, अभिषेक चौहान, ओमेन्द्र सिंह(बृजेश), विपुल सजवाण, प्रदीप सजवाण, अशोक पुंडीर, जगबीर सिंह सुरियाल आदि लोग मौजूद रहे।

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