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सब्जियों के बीज उपलब्ध न होने पर किसानों में नाराजगी

गौचर / चमोली। सब्जियों के बोने का समय निकल जाने के बाद भी काश्तकारों को अभी

तक उद्यान विभाग सब्जियों का बीज उपलब्ध ही नहीं करा पाई है। जिस कारण काश्तकारों

को बाजारों से महंगे दामों पर बीज खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है।

 इस बार सब्जियों के बोने का समय निकल जाने के बाद भी अभी तक उद्यान विभाग में

यहां गौचर में मूली के अलावा अन्य सब्जियों के बीज

उपलब्ध नहीं हो पाये है। इससे काश्तकारों को बाजारों से महंगे दामों पर बीज खरीदने पर

मजबूर होना पड़ रहा है। बताया जा रहा है कि बाजारों में हल्दी व अदरक के दामो में भारी

बढ़ोतरी होने की वजह से सरकार ने इन बीजों को खरीदने से हाथ पीछे खींच लिये है। उद्यान

विभाग के अधिकारी का कहना है कि विभाग ने इसका दूसरा तरीका अपनाया है जो भी

काश्तकार हल्दी व अदरक का बीज बाजार से खरीदता है, विभाग उसके खाते में सरकारी

मानक के हिसाब से पैसा डालेगी। लेकिन काश्तकारों विभाग की इन बातों पर विश्वास

करने को तैयार नहीं हैं। प्रगतिशील काश्तकार विजया गुसाईं, कनचन कनवासी, जशदेई

कनवासी, ताजवर कनवासी, धीरेन्द्र चौधरी, एलपी लखेड़ा, सुधीर नेगी, पुष्कर सिंह नेगी,

महावीर रावत आदि का कहना है कि इस बार सब्जियों के बीज उपलब्ध न होने से उनको

बाजारों से महंगे दामों पर बीज खरीदने को मजबूर होना पड़ रहा है। जिस वजह से

सब्जियों के बोने का रखवा भी लोगों ने कम कर दिया है। काश्तकारों का कहना है कि यही

हाल कृषि विभाग का भी है। यहां भी वर्षों से वही धान के घिसे पिटे बीज उपलब्ध कराऐ जा

रहे हैं। जबकि बाजारों में विभिन्न प्रकार के चावल 40 से 100 रूपये किलो के दामों पर

बिक रहे हैं। आखिर इनके बीज क्यों क‌षकों को उपलब्ध नहीं कराये जा रहे हैं। यह भी सोचनीय विषय है।

ललिता प्रसाद लखेड़ा

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