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Uttarakhand में इन 38 अतिसंवेदनशील स्थानों पर मोर्चा संभाले है एसडीआरएफ

चारधाम व हेमकुंड साहिब यात्रा में एसडीआरएफ की 28 सब टीमों को तैनात किया गया

Uttarakhand. प्रदेश में मानसून अवधि के दौरान किसी भी प्रकार की आपदा होने पर त्वरित कार्रवाई को एसडीआरएफ कुल 38 अतिसंवेदनशील स्थानों पर मोर्चा संभाले हुए है।

कांवड़ मेला, चारधाम यात्रा, हेमकुण्ड साहिब यात्रा को सुगम बनाने और प्राकृतिक आपदाओं व दुघर्टनाओं में एसडीआरएफ पूरे जी-जान से जुटी हुई है। पुलिस उपमहानिरीक्षक रिधिम अग्रवाल, के दिशानिर्देशन व सेनानायम मणिकांत मिश्रा ने एसडीआरएफ मुख्यालय जौलीग्रांट में जानकारी देते हुए कहा कि राज्य आपदा प्रतिवादन बल को मॉनसून सीजन में खास दिशा-निर्देश दिए गए हैं।

श्रावण मास के पावन अवसर पर कांवड़ मेला, हरिद्वार में हर की पौड़ी पर गंगाजल लेने व स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा को रेस्क्यू टीमें आवश्यक रेस्क्यू उपकरणों व राफ्ट के साथ संवेदनशील स्थानों जैसे कांगड़ा घाट, बैरागी घाट के साथ ही ढालवाला, ऋषिकेश व नीलकंठ में भी तैनात की गई हैं। गढ़वाल मण्डल में चारधाम व हेमकुंड साहिब यात्रा रूट में एसडीआरएफ की 28 सब टीमों को तैनात किया गया है।

प्रदेश में भारी संख्या में श्रधालुओं के आगमन पर एसडीआरएफ द्वारा ऑफ लाईन व ऑन लाईन रजिस्ट्रेशन के दायित्व का भी कुशलतापूर्वक निर्वहन किया जा रहा है। गंगोत्री, यमुनोत्री, श्री केदारनाथ व श्री बद्रीनाथ मंदिर परिसर में देश के अलग-अलग प्रदेशों से आये श्रद्धालुओं को मदद पहुँचाने के साथ ही दिव्यांग, बुजुर्ग, महिलाओं व बच्चों को भीड़-भाड़ में सुगम दर्शन हेतु विशेष सहयोग प्रदान किया जा रहा है।

श्री केदारनाथ धाम में अनेकों श्रद्धालु श्वास व अन्य समस्याओं के कारण अचानक अस्वस्थ महसूस करते हैं। ऐसे में एसडीआरएफ टीम द्वारा अस्वस्थ श्रद्धालुओं को प्राथमिक उपचार देने के साथ ही कई मील पैदल चलकर स्ट्रेचर के माध्यम से अस्पताल व हायर सेंटर रेफर होने की स्थिति में हैलीपैड तक पहुँचाया जा रहा है।

देश-विदेश से आने वाले पर्यटक, ट्रैकर एवं पर्वतारोही उच्च हिमालय क्षेत्रों एवं ट्रैक रुट में फंस जाते हैं। ऐसी किसी भी अकस्मात स्थिति से निपटने हेतु एसडीआरएफ कि दक्ष एवं विशेषज्ञ माउन्ट्रेनिरिंग टीम को सहस्त्रधारा हेलीपेड, देहरादून में अलर्ट पर रखा गया है। मानसून सीजन में राज्य की तीव्र प्रवाह एवम संकरी घाटियों से गुजरती जीवनदायिनी नदियों में कई पर्यटकों व स्थानीय नागरिकों के दुर्घटनाग्रस्त होने की घटनाएं होती रहती है।

इन दुर्घटनाओं के न्यूनीकरण को पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार द्वारा एसडीआरएफ में फ्लड रेस्क्यू टीम की कार्यक्षमता को बढ़ाने के लिये एक सम्पूर्ण कम्पनी का गठन करने हेतु निर्देशित किया गया। वर्तमान में नव गठित फ्लड कम्पनी किसी भी प्रकार की जलीय आपदा से निपटने हेतु प्रदेश की 08 संवेदनशील स्थानों में व्यवस्थापित है।

स्कूली विद्यार्थियों और आपदा मित्रों को दिया जा रहा प्रशिक्षण

Dehradun. एसडीआरएफ द्वारा रेस्क्यू कार्यों के साथ-साथ जनजागरुकता एवं प्रशिक्षण अभियानों के माध्यम से मानव/आपदा क्षति न्यूनिकरण को गति प्रदान की जा रही है। वर्ष 2022 मे एसडीआरएफ द्वारा प्रदेश भर में 950 स्कूली छात्र-छात्राओ / एनसीसी कैडेटस , 201 स्वयं सेवी संस्थाओं के सदस्य /आपदा मित्रो, 63 सेना/अर्धसैनिक बल के कार्मिको,

27 अन्य विभाग के कार्मिकों के साथ साथ 550 चौकी / थाना पुलिस कर्मियों को भी आपदा के सम्बन्ध में प्रशिक्षित व जागरुक किया गया। और प्रदेश भर में आयेजित मॉक ड्रिल भी की गई। जिसका उद्देश्य आपदा के प्रति संवेदनशील प्रदेश में आपदा के दौरान प्रथम प्रक्रिया एवं अनुरूप सामंजस्य स्थापित करना है।

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