

Dehradun. देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर रविवार से मलवा सफाई का कार्य शुरू किया गया।
एयरपोर्ट टर्मिनल के सामने और एयरपोर्ट जाने वाले मार्ग पर चारों तरफ फैला मलवा शनिवार को आई भारी आपदा की गवाई दे रहा है। यदि वन विभाग थानो, एसडीआरएफ और स्थानीय लोगों ने तत्परता नहीं दिखाई होती तो एयरपोर्ट पर तबाही आ सकती थी।
शनिवार को विदालना और जाखन नदी का पानी एयरपोर्ट जाने वाले मार्ग से नदी की शक्ल में टर्मिनल की तरफ घुस गया था। एक घंटे से भी अधिक समय तक भारी मात्रा में नदी का पानी और मलवे ने एयरपोर्ट को घेर लिया।

सभी लोग आपदा से अपने-अपने क्षेत्रों को संभाले हुए थे। और ज्यादातर लोग अपने घरों में सुरक्षित थे। डर के मारे उस वक्त कोई भी एयरपोर्ट की तरफ नहीं जा रहा था। और किसी का भी ध्यान एयरपोर्ट की तरफ नहीं था।
यदि कुछ और घंटे एयरपोर्ट की तरफ पानी जाता तो एयरपोर्ट पर भारी तबाई मच सकती थी। लेकिन समय रहते वन विभाग थानो, डोईवाला प्रशासन और स्थानीय विधायक बृजभूषण गैरोला ने मोर्चा संभाला और एयरपोर्ट को भारी तबाई से बचा लिया।
डोईवाला प्रशासन, वन विभाग, एयरपोर्ट प्रशासन हरकत में आए और नदी के पानी को जंगल से दूसरी तरफ डायवर्ट किया गया। यदि ऐसा करने में थोड़ा और देर होती तो एयरपोर्ट का मंजर काफी खौफनाक हो सकता था। जिससे हवाई पैसेंजरों व एयरपोर्ट कर्मियों पर भी मुसीबत आ सकती थी।

रविवार के दिन एयरपोर्ट से मलवा हटाने का कार्य शुरू किया गया। लेकिन एयरपोर्ट पर मलवा इतना है कि एक दिन में उसे नहीं हटाया जा सकता है। नदी का मलवा टर्मिनल की सड़कों और टर्मिनल के आगे जमीन से चिपका हुआ है।
जिसे खुरचकर निकाला जा रहा है। मलवे पर गाड़ियां चलने से धूल का गुब्बार उठने लगा है। एयरपोर्ट के चप्पे-चप्पे पर शनिवार की आपदा के निशा साफ देखे जा सकते हैं।

