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अठुरवाला में खराब नलकूप के कारण नही बोई जा सकी तीसरी फसल

लगातार तीसरी फसल नहीं बोई गई नलकूप ठीक करने की फाइल खा रही धूल

देहरादून। टिहरी बांध विस्थापित क्षेत्र अठूरवाला के ग्रामीण इन दिनों देहरादून हवाई अड्डे की विस्तारीकरण से आशंकित होकर आंदोलनरत हैं।

वहीं दूसरी और उन्हें एक और समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। अठूरवाला कंडल का नलकूप नंबर 9 डेढ़ वर्ष पहले पहले खराब हुआ था।

ग्रामीणों द्वारा सरकार से लगातार गुहार के बावजूद बजट का रोना रोया जा रहा है।

यहां के किसान न तो धान की फसल लगा पाए ना सरसों और ना ही गेहूं गन्ने की फसल लगा पाए हैं।

इस नलकूप का निर्माण वर्ष 2001-02 में किया गया था। जो विगत वर्ष फेल हो गया।

इसके बाद ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री, सिंचाई मंत्री, क्षेत्रीय सांसद और स्थानीय से मुलाकात कर नलकूप ठीक करने की मांग की थी।

लेकिन समस्या अभी भी जस की तस है।
सिंचाई विभाग के इंजीनियर अजीत सिंह नेगी का कहना है कि दो बार शासन में नलकूप के निर्माण के लिए 95 लाख का प्रस्ताव भेजा गया है।

लेकिन अभी तक स्वीकृति नहीं मिली है।
वहीं दूसरी ओर सिंचाई के अभाव में खेती सूखकर बंजर हो रही है।

क्षेत्र के ग्रामीण गजेंद्र रावत का कहना है कि उन्होंने बारिश होने की उम्मीद में सरसों की बुवाई की।

लेकिन मौसम ने भी साथ नहीं दिया। और फसल खराब हो गई। इससे पहले धान भी नहीं रोपे जा सके।

न लोग गन्ना और गेहूं की बुवाई कर पाए है। गजेंद्र रावत का आरोप है कि सरकार जानबूझकर नलकूप ठीक नही करवा रही

ताकि क्षेत्र के लोग हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के लिए सरकार को अपनी बेशकीमती जमीन बंजर समझकर देने को विवश हो जाए ।

उनकी मांग है कि सरकार उनकी फसल की क्षतिपूर्ति दे। आक्रोश व्यक्त करने वालों में क्षेत्रवासी बेताल सिंह, राकेश सिंह, कृपाल

सिंह, गोविंद सिंह रावत, श्याम सिंह रावत, नत्थी सिंह, बलदेव सिंह, कमल सिंह राणा, मेहरबान सिंह भंडारी, पंकज राणा, स्वरूप सिंह

राणा, रमेश सिंह राणा, कुशाल सिंह भंडारी, सुरेंद्र सिंह भंडारी, मातबर सिंह, विनोद सिंह,

सुरेंद्र सिंह, महावीर सिंह राणा, शंकर सिंह पंवार, सुरेश सिंह, बलदेव सिंह, विक्रम सिंह भंडारी उपस्थित रहे।

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