

डोईवाला। देहरादून-हरिद्वार राष्ट्रीय राजामार्ग के किनारे लच्छीवाला वन रेंज के जंगल में
भारी मात्रा में फेंकी गई दवाईयों से वन्य जीवों पर खतरा मंडरा रहा है। वहीं इन दवाईयों से
पर्यावरण को भी गंभीर खतरा पैदा हो गया है।
राष्ट्रीय राजमार्ग किनारे भारी मात्रा में दवाईयां फेंकी गई हैं। इनमें अधिकांश दवाईयां
एक्पायर डेट की हैं। बताया जा रहा है कि जो दवाईयां जंगल में फेंकी गई हैं।
उनमें कुछ दवाईयां नींद, नसों में ताकत, शुगर, हार्ट अटैक आदि की हैं। इन दवाईयों में पहले
छह-सात जनवरी के आसपास जंगल में फेंका गया था। जिसे कई कट्टों में भरकर


नेक्स्ट एवोलुशन ऑफ वर्ल्ड वेलफेयरसोसाइटी से जुड़े लोगों ने मेडिकल
पाल्यूशन कंट्रोल कमेटी (एमपीसीसी) के सहयोग से नष्ट कर दिया था। लेकिन उसके
बाद 12 जनवरी के आसपास फिर से किसी ने जंगल में दवाईयों का
जखीरा फेंक दिया। जो अभी भी जंगल में पड़ा हुआ है। नेक्स्ट एवोलुशन ऑफ वर्ल्ड
वेलफेयर सोसाइटी से जुड़े लोगों ने कहा कि दवाईयां अभी भी जंगल में पड़ी हुई हैं।
और संबधित विभाग ने भी अब इस मामले में हाथ खड़े कर दिए हैं। वहीं लच्छीवाला रेंजर
घनानंद उनियाल ने कहा कि यह मामला उनके संज्ञान में नहीं है।
लेकिन अब मौके पर वन विभाग की टीम को भेजा जा रहा है।
और इस मामले में कार्रवाई भी की जाएगी।

