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पास में पोलिंग बूथ जाना पड़ रहा आठ किलोमीटर दूर, doiwala के इस गांव के मतदाताओं ने लौटाई मतदाता पर्चियां

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Dehradun. थानों न्याय पंचायत में स्थित चकचौबे वाला गांव के लोगों ने चुनाव बहिष्कार करते हुए मतदाता पर्चियां लौटा दी हैं।

यहां के मतदाताओं का कहना है कि जब पास में पोलिंग बूथ है तो उन्हे आठ से दस किलोमीटर दूर घना जंगल पारकर जौलीग्रांट में क्यों जाना पड़ रहा है। चकचौबे वाला गांव के लोगों की यह समस्या दशकों पुरानी है। दरअसल थानों न्याय पंचायत में थानों वन रेंज कार्यालय के पास चकचौबे वाला एक छोटा सा गांव है। यह गांव थानों में है। लेकिन राजस्व ग्राम जौलीग्रांट का हिस्सा है।

और जौलीग्रांट इस गांव से पूरी थानों वन रेंज का घना जंगल पार कर दूसरी तरफ स्थित है। इन लोगों का कहना है कि उन्हे दशकों से घना जंगल पार कर करीब आठ से दस किलोमीटर दूर जौलीग्रांट में राजकीय कन्या पूर्व माध्यामिक विद्यालय जौलीग्रांट के कं0न0 एक में मतदान को जाना पड़ता है। उन्होंने संबधित अधिकारियों से कई बार समस्या को बताया। लेकिन अभी तक उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ है।

स्थानीय निवासी सैनपाल सिंह ने कहा कि उन्होंने इसी कारण इस बार चुनाव का बहिष्कार करते हुए बीएलओ द्वारा बांटी जानी चाली पर्चियां भी लौटा दी हैं। कहा कि वो थानों की ग्राम सभा में कोटीमयचक के लिए वोट करते हैं। लेकिन विस चुनाव व लोक सभा चुनाव में उन्हे मतदान के लिए दस किलोमीटर की दौड़ लगानी पड़ती है। जबकि नियमानुसार पोलिंग बूथ दो किलोमीटर से दूर नहीं चाहिए।

इसलिए पोलिंग बूथ की दूरी अधिक होने के कारण उन्होंने चुनाव का बहिष्कार किया है। बीएलओ मीना ने कहा कि उन्होंने व संबधित अधिकारियों ने चकचौबे वाला गांव के लोगों को काभी समझाया। लेकिन उन्होंने चुनाव का बहिष्कार करते हुए सभी 54 मतदाता  पर्चियों को वापस कर दिया है। जबकि डोईवाला एसडीएम और आरओ युक्ता मिश्र ने कहा कि मतदाताओं से संबधित पोलिंग बूथ बदलने आदि का गजट सितंबर-अक्टूबर में होता है।

लेकिन चकचौबे वाला के अलग करने का गजट नोटिफिकेशन 4 दिसंबर को भेजा गया जो रद्द हो गया। इसलिए चकचौबे वाला गांव का पोलिंग बूथ नहीं बदल पाया है। लेकिन अगले चुनाव में इनका पोलिंग बूथ जरूर बदलकर थानों में ही कर दिया जाएगा। फिलहाल चकचौबे वाला गांव के लोगों को मतदान में जरूर भाग लेना चाहिए।

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