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जानिए क्यों 20 वर्षो बाद बनेगा स्थानीय डोईवाला का विधायक

बीस वर्षो बाद पहली बार स्थानीय बनेगा डोईवाला का विधायक

Dehradun. डोईवाला विधानसभा में राज्य गठन के बाद पहली बार कोई स्थानीय विधायक बनने जा रहा है।

डोईवाला क्षेत्र को आजादी के बाद से हीव नेताओं की धरती कहा जाता रहा है। लोग आपस में बात करते हुए मजाक में ये भी कहते हैं कि डोईवाला का एक पत्थर हटाओ तो यहां दस नेता दिखाई देते हैं। यहां से अनेक लोगों ने स्वतंत्रता आंदोलन में भाग लिया है। उसके बाद अनेक नेता डोईवाला से अविभाजित यूपी में विधायक और मंत्री रहे हैं। डोईवाला क्षेत्र से किशोरीलाल सकलानी, रणजीत सिंह वर्मा, राजेंद्र शाह अविभाजित यूपी में विधायक और मंत्री तक बने हैं।

लेकिन राज्य गठन से बाद दोनों प्रमुख दलों में से किसी को भी कभी किसी स्थानीय को यहां से चुनाव लड़ने का मौका नहीं मिला है। लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री और डोईवाला विधायक त्रिवेंद्र सिंह रावत के चुनाव लड़ने से मना करने और कांग्रेस के पूर्व काबीना मंत्री हीरा सिंह बिष्ट के रायपुर सीट से चुनाव लड़ने के कारण पहले कांग्रेस और उसके बाद भाजपा ने डोईवाला में स्थानीय को टिकट दिया है।

आप पार्टी, यूकेडी, सपा, बसपा और अन्य दलों समेत कई निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनावी मैदान में हैं। जिससे से साफ है कि डोईवाला में कोई भी प्रत्याशी जीते लेकिन वो स्थानीय होगा। जिसका यहां की जनता को अधिक लाभ मिलेगा। क्योकि दोनों दलों के नेताओं के अलावा जनता भी जो स्थानीय की मांग करती रही है।

वो अब पूरी होने जा रही है। जिसके लिए दोनों प्रमुख दलों के अलावा अन्य दलों और निर्दलीय डोईवाला में अपना भाग्य आजमाएंगे। और 14 फरवरी को जनता तय करेगी कि वो किस स्थानीय को पसंद करती है।

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