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‘ताऊ ते’ और ‘यास’ से मई में मौसम विभाग के अब तक के सभी रिकार्ड ध्वस्त

ताऊ ते और यास से तबाही नहीं पर्यावरण और किसानों को मिला तोहफा

Dehradun. ताऊ ते और यास जैसे शक्तिशाली तूफानों ने भले ही समुद्र से सटे हुए इलाकों में तबाही मचाई है। लेकिन यहां इन दोनों तूफानों ने मई के महीने में बारिश के अब तक के सभी रिकार्डो को ध्वस्त कर दिया है।

हांलाकि कुछ इलाकों में यहां भी कुछ नुकसान हुआ है। लेकिन उससे कई गुना मई की बारिश से पर्यावरण और किसानों को लाभ पहुंचा है। मई माह में क्षेत्र का तापमान चालीस डिग्री पार चला जाता है। जंगलों की धधकती आग करोड़ों की वन संपदा को राख कर देती थी। और किसानों को भारी सिंचाई के संकट के गुजरना पड़ता था।

जिस कारण अप्रैल से लेकर जून के पहले हफ्ते तक किसान चौबीसों घंटे नलकूप चलाकर खेतों की सिंचाई किया करते थे। वहीं कई इलाकों में पेयजल समस्या भी खड़ी हो जाती थी। लेकिन इस 2021 मई में ताऊ ते और यास के कारण कुल 152.4 एमएम वर्षा रिकार्ड की जा चुकी है।

एयरपोर्ट मौसम विभाग में दर्ज आंकड़ों के अनुसार इससे पहले मई 2006 में कुल 129.9 एमएम बारिश रिकार्ड की गई थी। जो इस मई से कम है। एयरपोर्ट मौसम विभाग ने बारिश का रिकार्ड 2002 से रखना शुरू किया था। तब से लेकर पिछले वर्ष तक मई माह में कभी भी इतनी बारिश नहीं हुई है।

जितनी इस मई में दर्ज की जा चुकी है। क्षेत्र के किसानों की मानें तो मई माह में कई दशकों बाद ऐसी बारिश देखने को मिली है। जिससे प्रकृति, पर्यावरण और खेती-किसानी पर सकारात्मक असर पड़ा है।

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बारिश के कारण किसानों ने इस वर्ष अदरक, अरबी, चरी, बाजारा और धान की बुआई लगभग 15 दिन पहले ही कर दी है। कृर्षि सहायक अधिकारी डीएस असवाल ने कहा कि मई की बारिश के कारण किसानों से इस बार धान की बुआई जल्द शुरू कर दी है।

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